तर जुन् मानुसे मोरा कहिन् सुनिहिन् उ कहिनक् अन्सारे नाचलै उ एक्टा यरङ् मानुस, जैहिं बल्वाल माटिक् उप्रै जग नहिंहालिहिने घर बानालाहारक् ठिकन् हो, पानि पोरिबानाइ सेर्पौन्या खोला आहिन् बज्रेहेबिट्के, ओक्राक् घर तुरुन्ते ढल्लकुन्, आउँ पुरा घरे भाटाङ्-भुटुङ् पारिबानाइ बागाइ देलकुन्।”