2 तसौ हननियाइ बेंचिबानाइ आइल पैसा आधासेहे आफ्निक्सङ्हिं नुकाहिन् धर्लक्, जुन् कहिन् ओक्राक् बोइकोलाइ पुराय थाहा रैल्हकुन्, आउँ बाँकि रैल्ह पैसा लेइबानाइ प्रेरितलकलाइ जिम्मा देलक्।
पर्भुलाइ बिस्वास कर्लाहारलक् जम्मायँ सङ्हिं बसथ्, आउँ उखर्ह्वाक् सेप्थोक् सँज्झ्या भेथ्।
ओहिं आफ्निक् जिमि बेंच्लक् आउँ उ पैसा लेइबानाइ प्रेरितलकक् आगारि आनिबानाइ जिम्मा देलक्।
उहे समइमा हननिया बाज्ल एकजेना मानुस आउँ ओक्राक् बोहेक सफिराइ आफ्निक् चुटेक् जिमि बेंच्लुहुन्,
ओक्राक्पाछु पत्रुसे बोल्लोकुन्, “अ हननिया, आफ्निक् हिर्दायाइ सैतानलाइ राज कर्बा देइबानाइ तुँइ किसा पबित्र आत्मालाइ ढाँठस्ला? आउँ जिमि बेंच्ल पैसा आधासेहे किसा तुँइ आफ्निक् लागि नुकाहिन् धरै?
पत्रुसे ओक्रानि सोर्ल्होकुन्, “मोरानि जानाउ ता, तोहोराखर्ह्वाइ जिमि ओट्के पैसाहिमा बेंचेहे ते?” तसौ ओहिं बाज्लक्, “अँ, ओट्केहिमा।”
किसाबुने रुप्या पैसाक् लोभ कर्बाक् सेहे सेब्भ्रोउ थरिक खाराब कहिनक् जर हो। कट्का मानुसलक् ता पैसाक् लोभोइ पोरिहिन् बिस्वासक्भटे पाछु हट्ल रहट्थ्ला आउँ धेरेक्कुर दुक्ख भेहिन् उखर्ह्वाक् हिर्दया छियाछिया भेल रहेट्थ्ला।