3 एक्दिन कर्नेलियसे दिनकोक् तिन बजेक्पाखा एक्टा दर्सन पाइलक्। उ दर्सनै साँच्चिय परमेस्वरक् एक्टा स्वर्गोदुत ओक्राक्ठालाइ आइबानाइ यन्हिं बोल्लोकुन्, “अ कर्नेलियस!”
उहेटाकिहिंमा जकरियाक् ठालाइ परमपर्भुक् स्वर्गोदुत देख्वार पोर्लोक् आउँ धुप बाल्बाक् बेदिक् दैन्हक्पटि ठड्ध्यालक्।
उहे बेलाइ ओर्को आको धेरेक्कुर स्वर्गोदुतलक् ओछि देख्वार पोर्लुहुन् तसौ परमेस्वरक् पर्सन्सा कर्तिहि उखर्ह्वाइ यन्हिं गित्काबा ठाल्लुहुन्,
जब पत्रुसे आफ्नि देख्ल दर्सनक् अर्थ बुझ्बा नहिंपारिहिन् अलमल्ल पोर्लो रैल्हक्, उहेटाकै कर्नेलियसे पाठाल मानुसलक् सिमोनक् घर खोज्ते-खोज्ते ओक्राक् घरक् दिहाँरक् आगारि पुगिहिन् ठड्ध्यालुहुन्।
जब पत्रुसे आफ्नि देख्ल दर्सनक् बिसइमाहा सोंच्तिहि रैल्हक्, तसौ पबित्र आत्माइ ओक्रानि यन्हिं बोल्लोकुन्, “यटे सुन्, तिनजेना मानुसलके तोरानि खोज्बा ठाल्ल रहट्थ्ला।
तसौ कर्नेलियसे बाज्लक्, “चारदिन आगारकोक् कहिन् हो। दिनकोक् तिन बजेक्पाखा मुँइ घरै पाराथ्ना कर्तिहि रैल्हम्। एक्कासि चहकारो लुगा पेहेर्ल एकजेना मानुस मोरा आगारि ठड्ध्यालक्।
ओर्को दिनै जब उखर्ह्वा योप्पा सहरक् लज्जिकै आइपुग्ल टाकै पत्रुससेहे दिनकोक् बार्ह बजेक्पाखा पाराथ्ना कर्बाक्नि घरक् कौसिमा जाइलक्।
तसौ कर्नेलियसे हाम्रानि जानालक्, एक्टा स्वर्गोदुत ओक्राक् घरै ठड्ध्याहिन् यन्हिं बाज्तिहि रैल्ह ओहिं देख्लक्, ‘योप्पा बाज्ल ठाँओइ कुन्हुँ मानुसलाइ पाठाइबानाइ पत्रुस बाज्ल सिमोनलाइ हाँख्राबा पाठाउ।
मुँइ परमेस्वरक् मानुस हो, आउँ ओक्रिहिक् भक्ति करम्ना। आजु राति ओक्राक् एक्टा स्वर्गोदुत मोराठालाइ आइबानाइ यन्हिं बाज्ल धरैस्।
एक्बाजि पत्रुस आउँ यहुन्ना दिनकोक् तिन बजे पाराथ्नाक् समइमा मन्दिरै जाइतिहि रैल्हुहुन्।
भेटौ उहे राति पर्भुक् एक्टा स्वर्गोदुते झेलखारक् दिहाँरलक् उद्रिदेलाहा, आउँ प्रेरितलकलाइ बाहार लेगिबानाइ बोल्लाहा,
दमस्कसै हननिया नाउँ भेल पर्भु येसुक् एकजेना चेला रैल्हक्। ओक्रालाइ पर्भुइ दर्सनै यन्हिं बोल्लोकुन्, “अ हननिया।” ओहिं जुबाप देलक्, “हाँ पर्भु, मुँइ यच्छि रहम्ना।”
तसौ साउल भिंसओइ धल्लक् आउँ ताट्काले ओहिं यरङ् आवाज सुन्लक्, “साउल, अ साउल, तुँइ मोरानि किसा सातातिहि रहस्ला?”