उहे बेलाइ पबित्र आत्माक्भरे खुस्सि मन भेहिन् येसुइ बाज्लक्, “अ बाबा परमेस्वर, स्वर्गो आउँ धर्तिक् मालिक, मुँइ तोरानि धन्यबाट देमेंर्ला, किसाबुने तुँइ यि कहिनलक् बुद्धिगर आउँ जान्या-बुझ्न्यालकक्भरे नुकाल धरस्ला आउँ बालखलकक् परौ यि मानुसलकलाइ बुझाल धर्सिखान्ला! अ बाबा, यहेरङे कर्बाक् तोरा मन रैल्हास्!