4 तर दाजुभाइ आउँ दिदिबैन्हिहेलक्, तोहोराखर्ह्वा ता पापै रैल्हलकक्परौ अन्धकारै बोइने। उहेसिहिरे उ दिनै पर्भु चोरक्परौ चुप्चुपे आयटौ तोहोराखर्ह्वा अचम्मित नाभोहो।
“चङ्खारो भेहिन् बसह, भोज-भट्यारक् पाछु बुन् लागह, माटिहिन् बुन् हिंठह आउँ यि जिबनक् लागि चिन्ता धेरे बुन् करह। नाटेन् बुनेता तोहोराखर्ह्वाक् मन खुम्चिहिन् जाहेर्ला आउँ उ दिन तोहोराखर्ह्वाइ नहिंचिताल समइमा आहेरा।
तुँइ उखर्ह्वाक् आँख खोलिबानाइ (उघ्राइबानाइ) उखर्ह्वानि आँधारक्भटे उँजतक्पटि, आउँ सैतानक् सक्तिक्भटे परमेस्वरक्पटि फर्काबाक्नि उखर्ह्वाक्ठालाइ पाठामेर्ला। तसौ मोरा उप्रै बिस्वास कर्लसिहिरे उखर्ह्वाइ पापक् छेमा पाट्थ्ला, आउँ परमेस्वरक् चुन्ल जनलकक् सङ्हिं बस्बा पाट्थ्ला।’
किसाबुने पर्भुसेहे राति चोर आइलक्परौ कुन्हुँइ थाहा नहिंपाउन्या करिहिन् आइस्। यि कहिनलक् तोहोराखर्ह्वा आफ्निहि राम्रोइसौ जान्ल धरहला।