8 जे बातें सांची आंय, और मोरी जा चाहना आय, कि तें इन बातन हां खुल के बताए कि जीने परमेसुर पै बिसवास धरो आय, बे भले कामन में लगे रैबें, कायसे जे बातें बढ़िया और मान्सन के भले की आंय।
मैं तुम से सांची सांची कहत आंव, जौन मोरो बचन सुनके मोरे पठैबेवाले पे भरोसा करत आय, अनन्त जीवन ऊ को आय, और ऊ पे दण्ड कौ हुकुम नईं हुईये, परन्त बो मृत्यु से पार होकें जीवन में पिड़ चुको आय।
और साजो काम करबेवारी रई होबै, जीने अपने लरका वारन हां ठीक से पालो होबै; पाहुरन की सेवा खुसामद करी होबै, पपित्तर जनन के गोड़े धोय होबें, और दुखियन की मदद करी होबै, और अच्छे कामन में मन से लगी रई होबै।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।