हे मोरे मन, उनकी सलाह नें मान, हे मोरी मईमा, उनकी सभा में नें मिल; कायसे उनोंरन ने गुस्सा होकें मान्सन हों मार डालो, और अपनी इच्छा पै चलकें बैलों हों लूलो कर दओ आय।
यीशु ने कओ; बो बिसवास जोग और समजवारो भण्डारी को आय, जी कौ मालक ऊहां नौकर, चाकरों पे अधकारी ठैराए कि उन हां खैबे पीबे हां भोजन और सामान ठीक बेरा पे देबे।
मैं ई काजें तोहां क्रेते में छोड़ आओ हतो, कि तें जौन बातें बचीं आंय उन हां ठीक ठाक करे, और जैसी मैंने कई हती कि हरएक जांगा पै प्राचीनन हां काम पै लगाए।
परमेसुर के ऊ झुण्ड की, जौन तुमाए मजारें आंय रखनवारी करो; जौ काम दबाव से नईं, परन्त परमेसुर की मनसा अनसार खुसी से, और ओछी कमाई के लाने नईं, पर मन लगा के करो।
सब से बढ़ के उन हां जौन बुरई बासनाओं के बस में होकें देयां के अनसार निंगत, और पिरभु के राज हां ओछो जानत आंय; बे ढीठ, और हठी आंय, और ऊंचे पद वारन हां बुरो भलो कैबे से नईं डरात।