ई बात की गवाही महापुरोहित और सियानन की बैठक दे सकत आय; मैंने भाईयन के नाओं पाती लई और ई मतलब से दमिश्क हां चलो, कि उते के लोगन हां बन्दी बना के दण्ड दिलाबे यरूशलेम लै जाओं।
उन ने ऊसे कई; न तो हम हां यहूदियन से तोरे बारे में कोऊ चिठिया मिली आय, और न भाईयन में से कोऊ ने इते आके तोरे बारे में कोऊ खबर दई आय, और न कोऊ बुरई बात कई आय।
ई लाने मैं तुम हां चिताए देत आंव कि जौन कोई आत्मा के उसकेरे से बोले, ऊ नईं कैत कि यीशु बुरओ आय; और न कोऊ पवित्तर आत्मा के बिना कै सकत आय कि यीशु पिरभु आय।
जैसो हम पेंला कै चुके, ऊं सई अबै सोई कैत आंव, कि उन बचन हां छोड़ जौन तुम ने माने, कोऊ और बातें कैबे, तो ऊ पे श्राप होबे। अब मैं का मान्सन हां राजी करत आंव कि परमेसुर हां? का मैं मान्सन हां खुस करो चाहत आंव।