21 कि सबरो संसार आपई नास से छुटकारा पाके, परमेसुर की सन्तानन की मईमा की स्वतंत्रता पा है।
जरूरी आय कि बो सरग में ऊ बेरा लौ रय जब लक कि बो सबरी बातन कौ सुदार न कर ले, जी की चरचा पुराने टैम से परमेसुर ने अपने पवित्र अगमवकतन के मों से करी आय।
कायसे सबरो संसार बड़ी आसा से परमेसुर के लरका बिटिया के उजागर होबे की बाट जोह रओ आय।
फिन जिन हां ऊ ने पेंला से ठैराओ, उन हां बुलाओ सोई, और जिन हां बुलाओ, उन हां धरमी सोई ठैराओ आय, और जिन हां धरमी ठैराओ, उन हां मईमा सोई दई।
मरे भयन कौ जी उठबो सोई ऐसई आय, देयां मिटबेवारी दसा में बोई जात आय और न मिटबेवारे रूप में जी उठत आय।
“एक बेर फिन के” को मतलब आय कि जौन बस्तें हलत आंय, बे बनाई गईं हतीं सो बे तो हल जै हैं, और बे बस्तें जौन हलाई नईं जात बे सब बनी रै हैं।
ऊके कौल अनसार हम एक नये आकास और धरती की बाट तकत आंय, जी में धारमिकता बास कर है।
मैंने नए आकास और नईं धरती हां तको, कायसे पेंला धरती और आकास लोप हो गए हते, और समुन्दर सोई न रहो।