मोरे मन की जा चाहना आय, कि मैं कभऊं नेंचो न हेरों, परन्त हिम्मत धरों कि पिरभू की बड़ाई मोरी देह से होत रैबे, जैसो अबै होत आय, चाहे मैं जीओं और चाहे मर जाओं।
हेरो, परमेसुर पिता ने हम से कैसो प्रेम करो, कि हम परमेसुर के लड़का बिटिया कहाय, और हम आंय सोऊ: ऐईसे संसार हम हां नईं चीनत, कायसे संसार के मान्सन ने उन हां सोई नईं मानो।
प्यारे भईया हरौ, अबै तो हम परमेसुर के लड़का बिटिया कहात आंय, और अबै जौ पता नईंयां, कि हम और का हुईयें! इतनो पता आय, कि जब बे फिन के आहें तो हम सोई उन घांई हो जै हैं, और उन हां उनके सांचे रूप में तक हैं।