ई भांत आत्मा सोई हमाई कमजोरी में सहायता करत आय, कायसे हम नईं जानत, कि बिन्तवाई कौन रीत से करो चईये; परन्त आत्मा खुद बड़ी पीड़ा से भर के जौन लेखी नईं जा सकत, हमाए लाने बिन्तवाई करत आय।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।
हेरो, परमेसुर पिता ने हम से कैसो प्रेम करो, कि हम परमेसुर के लड़का बिटिया कहाय, और हम आंय सोऊ: ऐईसे संसार हम हां नईं चीनत, कायसे संसार के मान्सन ने उन हां सोई नईं मानो।
ऐसई तो पता पड़त आय कि कौन शैतान छलिया, और कौन परमेसुर के मानबेवारे आंय; जौन धरम की गैल नईं चलत, बो परमेसुर को मानबेवारे नईंयां, और न ऊ जनो, जौन अपने भईया से प्रेम नईं करत।
प्यारे भईया हरौ, अबै तो हम परमेसुर के लड़का बिटिया कहात आंय, और अबै जौ पता नईंयां, कि हम और का हुईयें! इतनो पता आय, कि जब बे फिन के आहें तो हम सोई उन घांई हो जै हैं, और उन हां उनके सांचे रूप में तक हैं।