7 सो हम का कैबें? का नेम व्यवस्था पाप आय? कभऊं नईं! पर बिना नैम व्यवस्था के मैं पाप हां नईं चीनतो: नैम व्यवस्था जदि न कै ती, कि लालच न कर तो मै लालच हां न जानतो।
सो जब बईयर ने हेरो कि ऊ पेड़ कौ फल खाबे में नोंनो, और हेरबे में मन हों भाबेवारो, और बुद्धि दैबे के लाने सोई बढ़िया आय; तब ऊने ऊहों तोड़कें खा लओ, और अपने घरवारे हों भी दओ, और ऊने सोई खाओ।
कायसे जौ कि परतिरिया भोग न करियो, हत्या न करियो; भड़याई न करियो, लालच न करियो; और इन हां छोड़ और कोऊ हुकम सोई होबे तो सबरी बातें ईमें पूरी होत आय, कि अपने पड़ोसी से अपने जैसो प्रेम राख।
ई लाने जदि हमाओ अधर्म परमेसुर हां धरमी ठैरा देत आय, तो हम का काबें? का जौ कि परमेसुर जौन खुन्स करत आय अन्यायी आय (जौ तो मैं मान्सन के तौर तरीके से कैत आंव)।
तो का बो जौन साजी हती, मोरे लाने मौत ठैरी? कभऊं नईं! परन्त पाप ऊ साजी बस्त से मोरे लाने मौत हां पैदा करबेवारो भओ, कि ऊकौ पाप होबो उजागर होबे, और हुकम के द्वारा पाप कुल्ल पापवारो ठैरे।
सो अब अपनी देह की अभलाखा हां पूरो न करो, परतिरिया संगत करबे की अभलाखा और गन्दे काम, बुरय विचार, और दूसरन की बस्तन को लालच न करो, कायसे जे सब मूरत की पूजा जैसे आंय।
कि जब मोहों लूट में शिनार देस कौ एक नोंनो ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चांदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देखी हती, तब मैंने उनकौ लालच करके उनहों रख लओ, बे मोरे डेरे के भीतर धरती में गड़े आंय, और सबके खालें चांदी आय।”