कि पिरभु कौ आत्मा मोपे आय, ई लाने कि ऊ ने गरीब-गुरवन हां भलो सन्देसो सुनाबे के लाने मोरो अभिषेक करो आय, और मोय ई लाने पठैओ आय, कि जौन बन्धुए आंय उन हां छुटकारे कौ और अन्धरन हां तकबे कौ भलो सन्देसो सुनाऔ और कुचले भए हां छुड़ाओं।
ई भांत आत्मा सोई हमाई कमजोरी में सहायता करत आय, कायसे हम नईं जानत, कि बिन्तवाई कौन रीत से करो चईये; परन्त आत्मा खुद बड़ी पीड़ा से भर के जौन लेखी नईं जा सकत, हमाए लाने बिन्तवाई करत आय।