2 कायसे ब्याओवारी बईयर नैम व्यवस्था अनसार अपने मनसेलू के जीते जी ऊसे बन्धी रैत आय, परन्त जदि मन्सेलू मर जाबै, तो बा ब्याओ के बन्धन से छूट गई।
ई लाने जदि बा अपने मन्सेलू के जीयत भए कौनऊं और मन्सेलू से सम्बन्ध राखै, तो बा पतिता कहा है, पर जदि मन्सेलू मर जाबै, तो बा ऊ न्याव की नेम व्यवस्था से छूट गई, इते लौ कि बा कोनऊं और मन्सेलू से ब्याव करै तो पतिता न कहा है।
परन्त जी के बन्धन में हम बंधे हते ऊके लाने मर के, अब नेम व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीत पे नईं, पर आत्मा की नई रीत पे सेवा करत आंय।
जब लौ कोई बईयर कौ मन्सेलु जियत रैत आय, तब लौ बो ऊसे बंधी भई आय, परन्त जब ऊकौ मन्सेलु मर जाबै, तो जीसें चाए ब्याओ कर सकत आय, अकेले पिरभु में।
घरवारी हां अपनी देयां पे अधकार नईं पर ऊके मन्सेलू कौ अधकार आय; ऊं सई मन्सेलू हां अपनी देयां पे अधकार नईं, परन्त घरवारी कौ आय।