1 हे भईया हरौ, का तुम नईं जानत (मैं नेम व्यवस्था के जानबेवारन से कैत आंव), कि जब लौ मान्स जियत रैत आय, तब लौ ऊ पै नैम व्यवस्था कौ राज रैत आय।
हे भईया हरौ, मैं नईं चाहत, कि तुम ई बात से अनजान रओ, कि मैंने तुम लौ बेर बेर आबो चाहो, कि जैसो मोय दूसरी जातवारन में फल मिलो, ऊं सई तुम में सोई मिले, पर अबै लौ रुको रओ।
हे भईया हरौ, मोरे हिये की अभलाखा और उन के लाने परमेसुर से मोरी बिन्तवाई आय, कि बे तरन तारन पाबें।
कायसे सब कोऊ जौन बिसवास करत आंय उन के काजें धार्मिकता के लाने मसीह नेम व्यवस्था कौ अन्त आय।
तब तुम पे पाप कौ राज न हुईये, कायसे तुम नैम व्यवस्था के आधीन नईं पर दया के आधीन आव।
का तुम नईं जानत, कि हम सब जिन ने मसीह यीशु कौ बपतिस्मा लओ, तो ऊ की मौत कौ बपतिस्मा लओ?
परन्त जी के बन्धन में हम बंधे हते ऊके लाने मर के, अब नेम व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीत पे नईं, पर आत्मा की नई रीत पे सेवा करत आंय।
कायसे मैं इते लौ चाहत हतो, कि अपने नाते रिस्तेदारन के लाने जो मोरे वंस कुल के आंय, आपई मसीह से श्रापित हो जात।
का मैं जे बातें मान्सन घांई बोलत आंव?
तुम नैम मानो चाहत आव, मो से कओ, का तुम नैम की नईं सुनत?