का तुम नईं जानत, जीकौ हुकम मानबे हां तुम अपने आप हां चाकर घांई सौंप देत आव, ओई के चाकर आव: और जी की मानत आव, चाए पाप के, जीसे मौत मिलत आय, चाए हुकम मानबे से, जीकौ अन्त धार्मिकता आय।
का तुम हां पता नईंयां, कि जौन न्याव बिलोरत आंय बे परमेसुर के राज में न जा पा हैं? ई धोखे में न रईयो, न बेश्या से संगतवारे, न मूर्ती पूजा करबेवारे, न दूसरे की तिरिया से संगत करबेवारे, न लुच्चे, न लुगुवा लुगुवा से संगत करबेवारे।
का तुम हां पता नईंयां? कि जौन पवित्तर बस्तन की चाकरी खुसामद करत आंय, बे मन्दर में से खात आंय; और जौन वेदी की सेवा करत आंय; तो जो कछु वेदी पे चढ़ाओ जात आय ओई में से खात आंय?
हे पापीनिओ, का तुम नईं जानत, कि संसार से दोस्ती करबो परमेसुर से बैर धरबो आय? सो जो कोऊ संसार कौ दोस्त होबो चाहत आय, बो अपने आप हां परमेसुर कौ बैरी बनात आय।
और ओई पानू की कनौत सोई, जाने कि बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठबे से, अब तुम हां बचात आय; (ऊसे देयां कौ मैल हटाबे को मतलब नईंयां, पर सुद्ध विवेक से परमेसुर के बस में हो जाबे कौ मतलब आय)।