1 सो हम का कैबें? का हम पाप करत रैबें, कि दया कुल्ल होबै?
का तें ऊ की किरपा, सहनशीलता, और धीरजरूपी मन हां नीचो समझत आय? और का जौ नईं जानत, कि परमेसुर की किरपा तोय हिया फिराबो सिखात आय।
तो का हम नैम व्यवस्था हां बिसवास के द्वारा अकारथ ठैरात आंय? कमऊं नईं; परन्त नैम व्यवस्था हां पक्को करत आंय।
सो का भओ? का हम ई लाने पाप करें, कि हम नैम व्यवस्था के आधीन नईंयां पर दया के आधीन आंय? कभऊं नईं।
भईया हरौ, तुम छुट्टा होबे हां बुलाए गए आव अकेले ऐसो न होबै, कि जो छुट्टा होबो मनमानी हां छू ट दैबे, अकेले प्रेम से एक दूजे की सेवा करो।
और अपने आप हां छुट्टा जानो पर अपने ई छुट्टापन हां बुराई के लाने आड़ न बनाओ, परन्त अपने आप हां परमेसुर कौ चाकर समज के चलो।
कायसे कछु जनें चुपके से हमाए संग्गै जुड़ गए आंय, जिन हां पैले से लिखो आय कि उन हां दण्ड दओ जाबै, कायसे बे सच्चे नईयां, और परमेसुर की दया हां छोड़ बुरय कामन में लगे रैत आंय, और हमाए महाबली मालक और पिरभु यीशु मसीह हां नईं मानत।