परमेसुर कैत आय, कि आखिर के दिनन में ऐसो हुईयै, कि मैं अपनौ आत्मा सबरे मान्सन पै उड़ेल हों और तुमाए मोंड़ा-मोंड़ी अगमबानी करहैं और तुमाए जुआन दरसन हेरहैं, और तुमाए बुजुर्ग सपने देखहैं।
उन सबरन के नाओं जौन रोम में परमेसुर के प्यारे आएं और पवित्तर होबे हां बुलाए गए आएं। हमाए पिता परमेसुर और पिरभु यीशु मसीह की कुदाऊं से तुम हां दया और सान्ति मिलत रैबे।
हम जानत आंय, कि जौन जनें परमेसुर से प्रेम राखत आंय, उन के लाने सबरी बातें भलाई हां उत्पन्न करत आंय, जाने के उनईं के लाने जौन ऊ की मन्सा अनसार टेरे गए आंय।
मोरे मन की जा चाहना आय, कि मैं कभऊं नेंचो न हेरों, परन्त हिम्मत धरों कि पिरभू की बड़ाई मोरी देह से होत रैबे, जैसो अबै होत आय, चाहे मैं जीओं और चाहे मर जाओं।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।