तें को आय कि दूसरे के चाकर पे लांछन लगात आय? ऊकौ पक्को रैबो या गिर जाबो ऊके मालक से जुड़ो आय, और बो पक्को कर ही दओ जै है; कायसे पिरभु ऊ ए पक्को राख सकत आय।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।
जे सबरे जनें जौई बिसवास धरें मर गए; और जिन बस्तन की कई गई हती बे न पाईं; परन्त उन ने मानो कि आबेवारे दिना में ऐसो हुईये, अबै ई संसार में हम बाहरवारे परदेसी आंय।