5 ई लाने जदि हमाओ अधर्म परमेसुर हां धरमी ठैरा देत आय, तो हम का काबें? का जौ कि परमेसुर जौन खुन्स करत आय अन्यायी आय (जौ तो मैं मान्सन के तौर तरीके से कैत आंव)।
ई तरहां कौ काम करबो तोए सें दूर रए कि दुस्ट के संगै धरमी हों भी मार डाले, और धरमी और दुस्ट दोई की एकई दसा होए। जौ करबो तोए सें दूरई रए; का पूरी पृथ्वी कौ न्याय करबेवारो न्याय नें करे?”
हम जानत आंय, कि नैम व्यवस्था जो कछु कैत आय उनईं से कैत आय, जौन नैम व्यवस्था के मानबेवारे आंय: ई लाने के सबरन के मों बन्द करे जाबें, और सबरो संसार परमेसुर के दण्ड के जोग ठैरे।
मैं तुमाई देयां की कमजोरी के काजें मान्सन की रीत पे कैत आंव, जैसो तुम ने अपने अंगों को बुरए काम के लाने दलिद्दर और बुरए काम के चाकर कर के सौंपो हतो, ऊंसई अब अपने अंगों को पवित्रता के लाने धरम के चाकर कर के सौंप दो।
सो हम का कैबें? का नेम व्यवस्था पाप आय? कभऊं नईं! पर बिना नैम व्यवस्था के मैं पाप हां नईं चीनतो: नैम व्यवस्था जदि न कै ती, कि लालच न कर तो मै लालच हां न जानतो।
सो तकौ, ऐई बात सेकि तुम हां परमेसुर भक्ति को शोक भओ जीसे तुमें जोस आओ कि जुआब देबो और खुन्स, और डर, और लालसा, और धुन और बदला लैबे की मन में आई? अकेले तुम ने सबरी हालत में जौ दिखा दओ, कि तुम इन बातन से बरी आव।
और बे परमेसुर के दास मूसा कौ गीत, और मेमने कौ गीत गाके कहत हते, कि हे महाबलि पिरभू परमेसुर, तोरे सबरे काज अदभुत आंय, हे जुग जुग के राजा, तोरी चाल सूदी और सांची आय।