13 उन कौ गला खुली भई कबर आय: उन ने अपनी अपनी जीभ से छल करो आय: उन के होठों में सांपन कौ विष आय।
सब भटक गए आंय, सब के सब निकम्मे बन गए, कोऊ भलाई करबेवारो नईंयां, एकऊ नईंयां।
बिलकुल नईं, बलकी परमेसुर सांचो और सबरे मान्स लबरे ठैरें, जैसो लिखो आय, जीसे तें अपनी बातन में धरमी ठैरे और न्याय करत समय तें जय पाए।