कायसे हम पेंला, मूरख और परमेसुर की अग्या न मानबेवाले, और दुबधा में हते, और भांत भांत की चाहना करत हते, और मजा मौज चाहत हते और अदावट धरें हते, और दूसरन को बुरओ सोचत हते, और बहुत घिना हते और दूसरन से बैर मानें हते।
कायसे हम हां पता आय, कि परमेसुर के बेटा ई धरती पै आ गए आंय, और उन ने हम हां ऐसी सीख दई आय, कि हम उन सांचे जनें को चीनें, और उनईं के संग्गै बने रैबें; बे सांचे परमेसुर आंय और उन में होकें बैकुण्ड वास मिलत आय।