1 सो यहूदी की का बड़वाई, या खतने कौ का लाभ?
एसाव ने कई, “हेर, मैं तौ अबै मरबे पै आंव: ई लाने पहलौठे के अधकार सें मोरो का फायदा हुईये?”
तुम ऊ की प्रार्थना करत आव, जीहां नईं चीनत; हम ऊ की प्रार्थना करत आंय जीहां हम चीनत आंय; कायसे तरन तारन यहूदियन में से आय।
सब भांत से बिलात कछु। पेंला तो जौ के परमेसुर के बचन उन हां दए गए।
तो फिन का भओ? का हम उन से साजे आंय? कभऊं नईं; कायसे हम यहूदियों और यूनानियों पे जौ लांछन लगा चुके आंय, कि बे दौनऊं पाप के बस में आंय।
जदि मैं मान्सन की रीत पे इफिसुस में बन जनावर से लड़ो, तो मोय का लाभ भओ? जदि मरे जिलाए नईं जै हैं, तो आओ, खाबें-पीबें, कायसे कल तो मर जै हैं।
दूसरे परचार की बातन से नईं बिलुरियो, और अपने मन हां पक्को बनाए रखियो, खाबे की बस्तन पै भौत ध्यान न धरियो, कायसे खाबे से जादा कछु नईं होत।