सो जब लौ पिरभु न आबै, बेरा से पेंला कोऊ बात कौ न्याय न करो: ओई तो अंधयारे की लुकी बातें उजारे में दिखा है, और हियों के सोचों हां उजागर कर है, तब परमेसुर कुदाऊं से सबरन की बड़वाई हुईये।
जौन ऊ की बातें मानत आय उन हां सोई मार हों, कि मण्डली के जनें जौ जान लें हैं कि मान्सन के मन की बात मोहां पता आय। मैं तुम सब के करमन कौ बदला तुम हां दैहों।
फिन मैंने लौरे जेठे सब जनें हां मरे भए हां सिंहासन के सामूं ठांड़ो तको, और पोथी खोली गईं; और फिन एक और पोथी खोली गई, जानो जीवन की पोथी; और जैसो उन पोथियन में लिखो भओ हतो, उन के काजन अनसार मरे भयन कौ न्याव करो गओ।