24 कायसे तुमाए काजें दूसरी जातवारन में परमेसुर के नाओं हां निंदरो जात आय, जैसो लिखो सोऊ आय।
ठोकरों के काजें संसार पे हाय! ठोकरों कौ लगबो जरूरी आय; पर हाय ऊ मान्स पे जीके द्वारा ठोकर लगत आय।
मैं जौ कैत आंव कि जुआन बिधवाएं ब्याओ करें; और लरका बिटिया जन के अपनो घर बार देखें, कि कोई उनहां भलो बुरो न कैबे।
जितेक चाकर जूए के नेंचें आंय, बे अपने अपने मालक को बड़े मान के जोग जानें, जीसे परमेसुर के नाओं और उपदेस की निन्दा न होबे।
बे साजी, पतिविरता, घर को काम काज करबेवारी, साजी और अपने मुन्स की कई करबेवारी होबें, कि परमेसुर के बचन हां दूसरे जनें बुरओ न कैबें।
तुमाई बातें खरी होबें, कि कोई उन हां बुरओ न कहबे; कि हमाए विरोधियन हां कोऊ ऐसो मौका न मिलै, और बे लजा जाबें।
बिलात जनें उन के घांई लुच्चपन कर हैं, जिन के काजें सत्त की गैल हां निंदरो जै है।