32 और मैं परमेसुर की मन्सा से तुमाए ऐंगर खुसी से आके सान्ति पाओं।
पर विदा होत बेरा ऊ ने जा कई, अगर परमेसुर की मनसा भई तो तुमाए ऐंगर फिन कें आहों।
जब जौ ठहराओ गओ, की हम जहाज से इतालिया जाबें, तो उन ने पौलुस और दूसरे कैदियन हां राजसी सैनिक दल के संग्गै यूलियुस नाओं के एक सूबेदार हां सौंप दओ।
और मैं जानत आंव, कि जब मैं तुमाए ऐंगर आहों, तो मसीह की एन आसीसों के साथ आहों।
और उन ने मोरो और तुमाओ हिया जूड़ो करो आय, ई लाने ऐसन हां मानो।
परन्त जदि पिरभु की मन्सा भई तो मैं तुमाए ऐंगर जल्दी आ हों, और घमंडियों की बातन को नईं, परन्त उन की बल सकती कौ पता कर लै हों।
ईसे हम हां चैन मिलो, और हमाई सान्ति और ऊके संग्गै तीतुस को आनन्द ने हम हां औरई आनन्द दओ, कायसे ऊ को हिया तुमाई बातन से ठण्डो हो गओ।
उनेसिफुरुस के घर के जनन पे प्रभु दया करें, कायसे ऊने कई बेरा मोरे हिये हां मानो ठण्डो करो, और मैं जेहल में आंव ईसे नईं सरमाओ।
भईया जौ करके तो मोहां भलो लग है, तोरे ऐसो करबे से मानो तें मोरे हिये हां हरो भरो कर है।
कायसे भईया, तोरो प्रेम जो प्रभु से और मान्सन से लगो आय, ऊसे हमाए मन हां अच्छो लगो, सुनो आय कि तोसें मण्डली के जनन के मन हरे हो गए आंय।
पर तुम हां कओ चाईये, जदि पिरभु चाए तो हम जीयत रै हैं, और जौ काम सोई कर है।