20 परन्त मोरे मन की जा आस आय, कि जिते जिते मसीह के नाओं कौ परचार नईं भओ, उतईं भलो सन्देसो परचार करों, ऐसो न होबै, दूसरे की नी पे मैं घर बनाओं।
मैं तुम हां सोई जौन रोम में रैत आंव, पिरभु परमेसुर कौ सन्देसो सुनाबे हां पूरो तईयार आंव।
और परचारक बिना कैसे सुनें? और यदि भेजे न जाबें, तो कैसे परचार करें? जैसो लेख आय, कि उन के गोड़े कैसे साजे आंय, जौन साजी बातन कौ भलो सन्देसो सुनात आंय!
कि मैं दूसरी जातवारन के लाने मसीह यीशु कौ चाकर होकें परमेसुर के भले सन्देसे की सेवा याजक घांई करों; जीसे दूसरी जातवारन कौ मानो दओ जाबो, पवित्तर आत्मा से पवित्तर बनके अपनाओ जाबे।