14 हे मोरे भईया हरौ, मैं खुद तुमाए बारे में पक्के से जानत आंव, कि तुम सोई आप ही भलाई से भरे और पिरभु परमेसुर की समज से भरेपूरे आव और एक दूजे हां चिता सकत आव।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।
कायसे जदि कोऊ तोय ज्ञानी हां मूरत के मन्दर में खात तके, और ऊ कमजोर मान्स होबै, तो का ऊ की समज में मूरत के सामूं बलि करी भई बस्त के खैबे की हिम्मत न हो जै है।
परन्त सबरन हां ऐसो ज्ञान नईंयां; परन्त कितेक जनें अब लौ मूरत हां कछु समजबे के कारण मूरतन के सामूं बलि करी गई कछु बस्त जानके खात आंय, और उन कौ हिया कमजोर होकें असुद्ध होत आय।
यीशु मसीह के बचन हां अपने हिये में बसा लेओ; और दूसरन हां पूरे ज्ञान से सिखाओ, और चिताओ, और परमेसुर हां धन्न मानो, और अपने से परमेसुर के भजन गाओ और उन हां धन्न कहो।
सो हम लग के तुमाए काजें बिन्तवारी करत आंय, कि हमाओ परमेसुर तुम हां ई बुलऊ आ के लाक माने, और अपने बल से अपनी काम करबे की भली इच्छा, और बिसवास के कामन से पूरो करे।