10 प्रेम पड़ोसी की कछु बुराई नईं करत, ई लाने प्रेम करबो नेम व्यवस्था हां पूरो करबो आय।
ई लाने जैसो तुम चाहत आव, कि मान्स तुमाए संग्गै करें, तुम सोई उन के संग्गै वैसई करो; कायसे पुराने नैम और आगमवकतन की जाई शिक्षा आय।
मैं तुम हां एक नओ हुकम देत आंव, कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो: जैसो मैंने तुम से प्रेम करो आय, वैसई तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो।
आपस के प्रेम हां छोड़ और कोई बात में कोऊ के करजदार न बनो; कायसे जौन कोई दूसरे से प्रेम राखत आय, ओई ने नेम व्यवस्था पूरी करी आय।
कायसे सबरो नैम एकई बात में पूरो होत आय, कि तें अपने पड़ोसवारे से अपनो जैसो प्रेम राख।
जदि तुम पवित्तर पोथी के ई बचन अनसार बैवार करत आव, कि तें अपने पड़ोसी से अपने घांई प्रेम कर, तो सांचई तुम परमेसुर के राज की नैम हां पूरो करत आव, तो साजो करत आव।