18 जिते लौ बन सके, तुम सब मान्सन के संग्गै मेल मिलाप से रओ।
अब्राहम ने कई, “मैं कौल खात आंव।”
और जाके पेंला अपने भईया से मेल कर; और तब आके अपनी भेंट हां चढ़ा।
धन्न आंय बे, जौन नरम हैं, कायसे बे धरती के अधकारी हुईंये।
धन्न आंय बे, जौन मेल कराबेवारे हैं, कायसे बे परमेसुर के पूत कहा हैं।
नोंन अच्छो आय, पै अगर नोंन कौ नोंनपन जात रए, तो ऊहां कीसे स्वाद में कर हौ? अपने में नोंन राखौ और आपसी में मेल-जोल से रऔ।
मैं तुम हां सोई जौन रोम में रैत आंव, पिरभु परमेसुर कौ सन्देसो सुनाबे हां पूरो तईयार आंव।
कायसे परमेसुर कौ राज खैबो पीबो नईंयां; परन्त धरम और मेल मिलाप और बा खुसी आय; जौन पवित्तर आत्मा से होत आय।
ई लाने हम उन बातन में लगे रैबें, जिन से मेल मिलाप और एक दूसरे कौ सुधार होबे।
कोऊ जनो जौन बिसवास न धरत होबे, तो छोड़ छुट्टी हो जान देओ, ऐसे में कोऊ भईया या बिन्नू हां कोऊ बन्धन नईंयां; परन्त परमेसुर ने हम हां मेल जोल हां टेरो आय।
सो भईया हरौ, सुखी रओ; पक्के होत जाओ; हिम्मत राखौ; एक मन राखौ; जुड़के रओ, और प्रेम और सान्ति को दैबेवारो परमेसुर तुमाए संग्गै होबै।
अकेले आत्मा के फल प्रेम, आनन्द, मेल मिलाप, धीरज धरबो।
और मेल से एक होकें आत्मा में एक होबे की कोसिस करो।
और बे जो करत आंय ऊसे उन हां मान करो; और अपने बीच मेल-मिलाप से रओ।
जवानी की अभलाखा से दूर बनो रै; और जौन साजे मन से पिरभु हां मानत आंय, उनके संग्गै धरम और प्रेम से चलो, और दूसरे जनन से मिले रओ।
सबरे जनों से मेल राखो, और साजे रओ ईके बिना तुम परमेसुर हां न तक पा हौ।
बो बुराई को संग छोड़े, और भलाई करे; बो मेल मिलाप हां खोजे, और ओई के जतन में रैबे।