परन्त मैं जो कछु आंव, परमेसुर की दया से आंव: और उनकी जौन दया मो पे भई आय, बा अकारथ नईं गई; परन्त मैंने उन सबरन से बढ़के मैनत सोई करी: जानो कि जौ मोरी कुदाऊं से नईं भओ परन्त परमेसुर की दया से जौन मो पे हती।
सो उन ने हमाओ तरन तारन करो: जौन हमाए घरम के क रमन से नईं, जौन हम ने करे, परन्त उन की दया से भओ, जीसे हम हां नओ जीवन पवित्तर आत्मा के नये बनाबे से मिलो।