हम जानत आंय, कि जौन जनें परमेसुर से प्रेम राखत आंय, उन के लाने सबरी बातें भलाई हां उत्पन्न करत आंय, जाने के उनईं के लाने जौन ऊ की मन्सा अनसार टेरे गए आंय।
सो हम लग के तुमाए काजें बिन्तवारी करत आंय, कि हमाओ परमेसुर तुम हां ई बुलऊ आ के लाक माने, और अपने बल से अपनी काम करबे की भली इच्छा, और बिसवास के कामन से पूरो करे।
(कायसे बे सबरे याजक बिना बचन के भए, जिनके लाने पोथी में ऐसो लिखो आय, कि मैं परमेसुर ऐसो कैत आंव कि तुम हमेसा लौ याजक बने रै हौ, ईहां मैं अब न बदल हों कि तें हमेसा को याजक आय)।