23 बे सोई जदि अबिसवास में न रैबें, तो सांटे जै हैं कायसे परमेसुर उन हां फिन के सांट सकत आय।
कायसे मैं तुम से कहत आंव, कि अब से जब तक तुम न कै हौ, कि धन्य आय बो, जो प्रभु के नाओं से आत आय, तब लौ तुम मोय फिन कभऊं न हेर हौ।
पर जदि कछु डालें कतर दईं गईं, और तें जौन जंगली जैतून आय ऊ में सांटो गओ, और असली जैतून की जड़ की चिकनाई को हींसावारो बनो आय।
कायसे जदि तें ऊ जलपाई से, जौन अपने आप जंगली आय काटो गओ और स्वाभाव के बिरुद्ध साजे जलपाई में सांटो गओ, तो बे जौन साजे जैतून की डालियां आंय, अपने ई जैतून में काय न सांटे जै हैं।
अकेले जब उनको मन पिरभू कुदाऊं फिर जै है, तो बो परदा सोई उठ जै है।
जिन ने परमेसुर के बचन नईं माने बे ऊ देस में नई पोंचे।