मैं तुम से कैत आंव, कि बो दूसरो नईंया, पर जौई मान्स धरमी ठैराओ जाके अपने घरै गओ; कायसे जौन कोई अपने आप हां बड़ो बना है, बो हलको करो जै है; और जौन कोई अपने आप हां हलको बना है, बो बड़ो करो जै है।
पर जब उन ने बिरोध करो और ठट्ठा करो, तो ऊ ने अपने उन्ना झाड़त भए उन से कई; तुमाओ खून तुमाए मूड़ पे होय: मैं बरी आंव, अब से मैं गैर यहूदियन के ऐंगर जें हों।
कायसे मैं ऊ दया किरपा के काजें जौन मोय पै भई आय, तुम सबरन से कैत आंव, कि जैसो समजो चईये, ऊसे बढ़ के कोई अपने हां न समजे परन्त जैसो परमेसुर ने सबई हां योग्यता अनसार बिसवास दओ आय, ऊंसई सई सोच बिचार के संग्गै अपने हां समजे।
सो जौन विचार और बड़ी बड़ी बातें, जौन परमेसुर हां नईं चीनत आय, उन हां आड़े हाथ लेत आंय, और सब विचारन हां बस में करके मसीह की अग्यां मानबेवारे बना देत आंय।
जौन बिरोध करत आंय, उन हां जौन परमेसुर के मानबेवारे आंय, और अपने आप हां बड़ो कैत आंय, इते लौ कि बो परमेसुर के मन्दर में बैठ के अपने आप हां परमेसुर कैत आय।
मैं ने सिलवानुस के हाथ, जिये मैं बिसवास जोग भाई मानत आंव, तनक में लिख के तुम हां समजाओ आय और जा गवाय दई आय, कि परमेसुर की सांची दया जाई आय, ऐई में पक्के बने रओ।
जैसे मजा मौज में रैके ऊ ने अपने हां बड़ो दिखाओ; ऊं सई दुख और पिरातो ऊहां दो; कायसे बा अपने मन में कैत आय, मैं रानी बनी बैठी आंव, मैं बिधवा नईंयां; मैं कभऊं परेसानी में नईं पड़ हों।
तें जो कैत आय, कि मैं बड़ो धनी आंव, और धनवालो हो गओ आंव, और मोहां कोनऊ बस्त की कमी नईंयां, और जौ नईं जानत, कि तें अभागा और तुच्छ और कंगाल और अन्धरा और नंगो आय।