ई काजें कि बे परमेसुर हां जानत हते, तो भी उन ने परमेसुर की बड़वाई और धन्नबाद नईं करो, परन्त अपने हियन से बेकार के सोच विचार करन लगे, और उन कौ अज्ञानी मन अंधेरो हो गओ।
बे समुन्दर में जैसे हिलकोरे आत आंय, और उनको फेन मानो उन हां सरम आबेवारी बातें आंय, बे मानो हिलबेवारे तारों जैसे आंय, इनहां नरक के अंधयारे में डालो जै है।