19 मैं फिन कैत आंव, का इस्राएली न जानत हते? पेंला तो मूसा कैत आय, मैं उन के द्वारा जौन जाति नईंयां, तुमाए हियन में जलन पैदा कर हों, मैं एक मूरख जात से तुम हां रिस दिला हों।
का खाबे पीबे के लाने तुमाए घर नईंयां? या परमेसुर की मण्डली हां ओछो समजत आव, और जिन लौ नईंयां उन हां लज्जित करत आव? मैं तुम से का कओं? का ई बात में तुम औरन की बड़वाई करों? मैं बड़वाई नईं करत।
कायसे हम पेंला, मूरख और परमेसुर की अग्या न मानबेवाले, और दुबधा में हते, और भांत भांत की चाहना करत हते, और मजा मौज चाहत हते और अदावट धरें हते, और दूसरन को बुरओ सोचत हते, और बहुत घिना हते और दूसरन से बैर मानें हते।