कायसे हम बिलात जनों जैसे नईंयां, जौन परमेसुर की बातन में कछु दूसरी बातें जोड़ देत आंय; अकेले हिये से, परमेसुर की बातें परमेसुर हां मानो सजीव देखत मसीह में कैत आंय।
यीशु मसीह के बचन हां अपने हिये में बसा लेओ; और दूसरन हां पूरे ज्ञान से सिखाओ, और चिताओ, और परमेसुर हां धन्न मानो, और अपने से परमेसुर के भजन गाओ और उन हां धन्न कहो।
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।