1 हे भईया हरौ, मोरे हिये की अभलाखा और उन के लाने परमेसुर से मोरी बिन्तवाई आय, कि बे तरन तारन पाबें।
हे यरूशलेम! हे यरूशलेम! तें जौन आगमवकतन हां मार डालत आय, और जौन तोरे ऐंगर पठैए गए उन पे पथराव करत आय; कितेक बेर मैं ने चाहो, कि जैसे मुर्गी अपने बच्चन हां अपने पंख के नेंचें इकट्ठो करत आय, ऊं सई मैं तोरे बच्चन हां जोड़ लेओं, पर तुम ने जौ न चाहो।
परन्त मैं अपने बारे में मान्स की गवाही नईं चाहत; पर जे बातें मैं ई लाने कैत हों, कि तुम हां उद्धार मिलै।
कायसे मैं उन की गवाय देत आंव, कि उन हां परमेसुर के लाने धुन लगी रैत आय, पर समजदारी के संग्गै नईं।
जैसो लेख आय; तको मैं सिय्यौन में एक ठेस लगबे कौ पत्थरा, और ठोकर खाबे की एक टोर धरत आंव; और जौन ऊ पे बिसवास कर है, बो न लजा है।