21 ई काजें कि बे परमेसुर हां जानत हते, तो भी उन ने परमेसुर की बड़वाई और धन्नबाद नईं करो, परन्त अपने हियन से बेकार के सोच विचार करन लगे, और उन कौ अज्ञानी मन अंधेरो हो गओ।
ईपै यहोवा परमेसुर ने सुख दैबेवारी सुगन्ध पाकें सोचो, “कि मान्स के कारन मैं फिन कभऊं धरती हों स्राप नें दैहों, जबकि मान्स के मन में बचपन सें जो कछु पैदा होत आय ऊ बुरओ ही होत आय; तब भी जैसो मैंने सबरे जीवों हों अब मारो आय, बैसो उनहों फिन कभऊं नें मारहों।
कि तें उन की आंखन हां खोले, जीसे की बे अंधयारे से उजयारे की कोद, और शैतान के राज्य से परमेसुर की कोद फिरें; जीसे की बे पापन की क्षिमा, और उन लोगन के संग्गै पदवी पाबें, जौन मोय पे भरोसा करबे के द्वारा पवित्र भए आंय।
और दूसरी जातवारे सोई परमेसुर की दया के काजें परमेसुर की स्तुति आराधना करें, जैसो लिखो आय; ई लाने में जात जात में तोरो धन्नबाद कर हों, और तोरे नाम के भजन कीरतन कर हों।
पर तुम एक नबेरो भओ वंस, और राजपद अधकारी, याजकन कौ समाज, और पवित्तर लोग, और पवित्तर मान्स और परमेसुर की निज परजा आव, ई लाने कि जीने तुम हां अंधयारे में से अपनी जोत में बुलाओ आय, ऊके गुण परगट करो।
और ऊ ने ऊं ची टेर लगाई; परमेसुर से डरो; और उन के गुणगान करो; कायसे अब न्याय की बेरा आ गई आय, सो ऊ को भजन करो, जीने सरग और धरती हां और समुन्दर और पानू के झरने बनाए।
हे पिरभू, को तुम से न डरा है? और तुमाए नाओं को गुनगान न कर है? कायसे तुमईं पवित्तर आव, और सबरी जातन के मान्स आके तुम हां दण्डवत कर हैं, कायसे जो न्याय तुम ने करे आंय बे भले और अच्छे आंय।