मैं तुम से सांची कैत आंव, कि जो कोऊ ई पहरवा से कैबे; कि तें उखड़ जा, और समुन्दर में गिर पड़, और अपने मन में संका न करै, बल्कि आभास करै, कि जो कछु कैत आंव ऊ हो जै है, तो ऊके लाने ओई हुईये।
उन हां अधकार आय, कि आकास बन्द कर देबें, कि जब बे अगमवानी करें तो पानू न बरसे, और उन हां सबरे पानू पै अधकार आय, कि ऊहां रकत बनाबें, और जब उन की मन्सा होबै तो धरती पै हर तरहां की विपत ले आबें।
और ऊ ने अपनी पूंछ से आकास के तारों में से एक तिहाई खींच के धरती पै डाल दए, और बो अजगर ऊ बईयर जौन के बच्चा होने हतो, ऊके सामूं ठांड़ो हो गओ, कि जब ऊ को बच्चा होबै तो ऊहां निगल जाए।
पैले सरगदूत ने तुरही फूंकी, और रकत मिलौनी ओले और आगी कड़ी, और धरती पै डाली गई; और एक तिहाई संसार बर गओ, और एक तिहाई पेड़ बर गए; और सबरी हरी घांस सोई बर गई।