और परमेसुर कौ मन्दर जो सरग में आय, बो खोलो गओ, और ऊके मन्दर में ऊ की वाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और बिजली कड़कड़ान लगी और धरती डोलन लगी, और बड़े बड़े ओला गिरे।
और ऊ सिंहासन जौन बीच में धरो हतो, ऊ में से बिजली जैसी कौंदत और गरजन होत हती, और सिंहासन के सामूं आगी जैसे सात दिया जल रए आंय, जे सातई परमेसुर की आत्मा आंय।
फिन एक और सरगदूत हाथ में सोने कौ धूपदान लैकें आओ, और बेदी के ऐंगर ठांड़ो हो गओ; ऊहां बिलात धूप दओ गओ, कि बो सब पवित्र लोगन की बिन्तवारी के संग्गै वेदी पै जढ़ाए, जो सिंहासन के सामूं आय।