4 और ऊ धूप को धुआं पवित्तर लोगन की बिन्तवारी के संग्गै परमेसुर लौ पहुंच गओ।
धूप जलाती बेरा मान्सन की सबरी समाज बायरें बिन्तवाई कर रई हती।
ऊ ने ऊहां ऐन जोर लगा के तको; और डर के कओ; हे पिरभु का आय? ऊ ने कओ, तोरी बिन्तवाई और दान सुमरण के लाने परमेसुर के आंगू पोंचे आंय।
और परमेसुर की मईमा, और उनके बल से मन्दर धुएं से भर गओ, और जब लौ उन सात सरगदूतन की विपतें खतम न भईं, तौ लेओ कोऊ मन्दर के भीतरे न घुस पाओ।
फिन एक और सरगदूत हाथ में सोने कौ धूपदान लैकें आओ, और बेदी के ऐंगर ठांड़ो हो गओ; ऊहां बिलात धूप दओ गओ, कि बो सब पवित्र लोगन की बिन्तवारी के संग्गै वेदी पै जढ़ाए, जो सिंहासन के सामूं आय।