ऊके बाप ने कई, “नईं, सुन, हे मोरे मोंड़ा, मैं ई बात हों अच्छे सें जानत आंव; जबकि ईसें भी मान्सन की एक मंडली पैदा हुईये, और बा भी महान हो जैहै, तब भी ईकौ लौरो भईया ईसें भी बिलात महान हो जैहै, और ऊके बंस सें मुतकी जातियन कड़हें।”
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।