15 ऐई से जे परमेसुर के सिंहासन के सामूं आंय, और उनके मन्दर में दिन रात उनकी सेवा करत आंय; और जो सिंहासन पै बिराजे आंय, बे अपनी छत्र छाया उन पै राखें रै हैं।
और मूरतन को परमेसुर के मन्दर में का काज? कायसे हम जियत परमेसुर के मन्दर आंय; जैसो परमेसुर ने कहो आय कि उन में बस हों और उन में घूम हों; और मैं उन को परमेसुर और बे मोरे जनें कहा हैं।
और हम अपनी नजर हां यीशु मसीह पै लगाबें; जौन हमें आगे लै चलत आय, जिन ने क्रूस पै चढ़ाए जाबे की निन्दा सई; और आज मजे से अपने बाप के संग्गै सरग में सिंहासन पै बिराजे आंय।
और परमेसुर कौ मन्दर जो सरग में आय, बो खोलो गओ, और ऊके मन्दर में ऊ की वाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और बिजली कड़कड़ान लगी और धरती डोलन लगी, और बड़े बड़े ओला गिरे।
और उनको भरमाबे वालो शैतान छलिया आग और गन्धक से बरत झील में, जी में बो जनावर और लबरा अगमवकता सोई हुईये, ऊ में डाल दओ जै है, और बे सबरे रात दिना पिराते से तड़पत रै हैं।
इन चारई जनावरन के छै छै पंखा हते, और उनके भीतर और चारऊ कोद आंखई आंखें हतीं; बे रात दिना बिना आराम करे जौ कहत रैत आंय, कि पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर, पिरभू परमेसुर, महाबली, जौन पेंला हते, और अबै आंय, और जौन आबेवारे आंय।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।