तब यीशु ने मन्दर में सीख देत भय जोर देके कई, तुम मोय जानत आव और जौ भी जानत हों, कि मैं किते कौआंव: मैं अपने से नईं आओ परन्त जीने मोय पठैव बो सांचो आय, जीहां तुम नईं चीनत।
जौ तक के पतरस ने मान्सन से कओ; हे इस्राएलियो, तुम ई मान्स पे काय चकित होत आव, और हमाई कोद ई भांत काय तक रय आव, कि मानो हमईं ने अपने बल या भक्ति से ईहां निंगबे जोग बना दओ आय।
पर एक बात तो आय कि तोरे इते सरदीस में कछु ऐसे जनें आंय, जिन ने अपने उन्ना असुद्ध नईं करे, बे सब मोरे संग्गै उजरे उन्ना पैर के घूम हैं कायसे बे लायक आंय।
तब उन प्राचीनन में से एक ने मोसे कई, न रोओ; हेरो, यहूदा के गोत्र को बो नाहर, जौन दाऊद के कुल में को आय, ऊ किताब हां खोलबे और ऊपै लगी सातई मुहरन हां तोड़बे जोग आय।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।