11 और सबरे सरगदूत, ऊ सिंहासन और प्राचीनन और चारऊ जनावरन के चारऊ कोद ठांड़े आंय, फिन बे सिंहासन के सामूं मों के बल गिर पड़े; और परमेसुर को दण्डवत कर के कई, आमीन।
हे पिरभू, को तुम से न डरा है? और तुमाए नाओं को गुनगान न कर है? कायसे तुमईं पवित्तर आव, और सबरी जातन के मान्स आके तुम हां दण्डवत कर हैं, कायसे जो न्याय तुम ने करे आंय बे भले और अच्छे आंय।
और ऊ ने मोय से कई, देख, तें ऐसो नईं कर, कायसे मैं तोरो और तोरे भईया अगमवकतन और ई पोथी की बातन हां मानबेवारों में से एक आंव; तें केवल परमेसुर हां दण्डवत कर।
ऊ सिंहासन के सामूं ऐसो लगत हतो जैसे साफ सुतरो कांच को समुन्दर होबै, और सिंहासन के बीच में और चौगिर्द चार जनावर हते, जिनके आंगे और पाछें आंखई आंखें हतीं।
इन चारई जनावरन के छै छै पंखा हते, और उनके भीतर और चारऊ कोद आंखई आंखें हतीं; बे रात दिना बिना आराम करे जौ कहत रैत आंय, कि पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर, पिरभू परमेसुर, महाबली, जौन पेंला हते, और अबै आंय, और जौन आबेवारे आंय।