हाय खुराजीन; हाय, बैतसैदा; कायसे जौन चमत्कार के काम तुम में करे गए, अगर बे सूर और सैदा में करे जाते, तो टाट ओढ़ के, और राख में बैठ के, बे कब के मन फेर लेते।
और चौथे सरगदूत ने तुरही फूंकी, और सूरज को एक तिहाई और चन्दा को एक तिहाई और तारन की एक तिहाई पै विपत आई, इते लौ कि उनकौ एक तिहाई भाग अंधियारो हो गओ और दिन के एक तिहाई में उजयारो नईं रहो, और ऊंसई रात में सोई।