1 और जौन सिंहासन पै बैठो हतो, ऊके हाथ में मैंने एक किताब हेरी, जौन भीतर और बायरें लिखी हती, और ऊहां सात मुहरें लगा के बन्द करो हतो।
और ऊके हाथ में एक खुली भई किताब हती; ऊ ने अपनो दांया गोड़ो समुद्र पै, और बांया धरती पै धरो।
और जो ऊ पै बैठो आय, बो यशब और मणि जैसो दिखत आय, और ऊके चारऊं कोद मेघधनुष जैसो दिखाई देत आय।
जे जनावर उनकी जौन सिंहासन पै बिराजे हते, और हमेसा जीयत रै हैं, आदर और उनको गुनगान करत रै हैं।
फिन मैंने सरग में, और धरती पै, और धरती के नेंचें, और समन्दर के भीतर की सबरी बस्तन, और जो कछु उन में आय, ऐसो कैत सुनो, कि जौन सिंहासन पै बिराजो आय, ऊ को और मेमने कौ धन्नबाद, मान और राज हमेसा रैबे।
उन ने आके जौन सिंहासन पै बिराजो हतो, उन के हाथ से बा किताब लै लई।
फिन मैंने तको, कि मेमने ने उन सात मुहरन में से एक हां खोलो; और बे चारई जनावर में से एक गरजो और कई कि आ।
और पहरवा से, और बड्डी टोरन से कहन लगे, कि हमाए ऊपर गिर पड़ो; और हम हां जो सिंहासन पै बैठो आय, और मेमने के कोप से बचा लेओ।
जब उन ने सातीं मुहर खोली, तो सरग में आधे घन्टा लौ सन्नाटा छा गओ।