ऊ सिंहासन के सामूं ऐसो लगत हतो जैसे साफ सुतरो कांच को समुन्दर होबै, और सिंहासन के बीच में और चौगिर्द चार जनावर हते, जिनके आंगे और पाछें आंखई आंखें हतीं।
जब मेमना ने तीसरी मुहर हां खोलो, तो मैंने तीसरे जनावर हां जौ कैत सुनो, कि आ: सो मैंने हेरो, कि एक करिया घुड़वा आय; और ऊ पै बैठे जने के हाथ में एक तराजू आय।