फिन आत्मा की मदद से बो मोहां जंगल में लै गओ, और मैंने किरमिजी रंग के जनावर पै परमेसुर की निन्दा के नाओं से छिपे एक बईयर हां तको, और जीकी सात मूड़ और दस सींग हते।
और ऊ सिंहासन जौन बीच में धरो हतो, ऊ में से बिजली जैसी कौंदत और गरजन होत हती, और सिंहासन के सामूं आगी जैसे सात दिया जल रए आंय, जे सातई परमेसुर की आत्मा आंय।
फिन मैंने सरग में, और धरती पै, और धरती के नेंचें, और समन्दर के भीतर की सबरी बस्तन, और जो कछु उन में आय, ऐसो कैत सुनो, कि जौन सिंहासन पै बिराजो आय, ऊ को और मेमने कौ धन्नबाद, मान और राज हमेसा रैबे।